रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेने पहुंच पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्रा
उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे हुए 41 श्रमिकों को आज 16 दिन हो गए हैं. इस पूरे ऑपरेशन के पल-पल की अपडेट खुद पीएम मोदी ले रहे हैं. इसी बीच वहां की स्थिति जानने के लिए आज खुद पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्रा पहुंचे। उनके अलावा केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने सुरंग में कैद श्रमिकों की हालत के बारे में भी जाना। फिलहाल, वर्टिकल ड्रिलिंग का काम चालू है, अभी भी 56 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग बाकी है।
कुछ ही समय में फिर शुरू होगी मैनुअल ड्रिलिंग
उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में अमेरिका से आई ऑगर मशीन फेल हो गई थी. मशीन के टूटे हुए टुकड़ों को भारतीय सेना मैनुअल ड्रिलिंग करके बाहर निकालने की कोशिश में लगी थी, जिसमें उन्हें अब सफलता मिल गई है. यानी, ऑगर मशीन के फंसे हुए ब्लेड्स को बीती रात पूरी तरह से बाहर निकाल लिया गया है. अब तीन से चार घंटे में सुरंग के अंदर के बचे हुए हिस्से की मैन्युअल खुदाई दोबारा शुरू हो सकती है.
टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अभियान
उत्तरकाशी की टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए सावधानी और सुरक्षा के साथ बचाव अभियान चलाया जा रहा है. वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की जा चुकी है. इसके अलावा राहत के अन्य तरीके से भी अपनाए जा रहे हैं. एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट रि. जनरल सैयद अता हसनैन के मुताबिक सभी श्रमिकों को भोजन, दवा मिल रही है. चिकित्सा और मनो-सामाजिक विशेषज्ञ भी वहां मौजूद हैं और लगातार अपना काम कर रहे हैं. सभी तरह की सावधानियां बरती जा रही हैं.
ऑगर मशीन को बाहर निकालेगा प्लाज्मा कटर
ऑगर मशीन के फंसे हिस्सों को बाहर निकालने के लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगाया गया है. यह देहरादून एयरपोर्ट पर पहुंचा. यहां से उसे ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सिलक्यारा सुरंग तक लाया जा रहा है. टिहरी और उत्तरकाशी पुलिस प्रशासन के मुताबिक यह देर शाम तक सिलक्यारा में पहुंच जाएगा.
15 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग का काम पूरा
दूसरे विकल्प के तौर पर सुरंग के ऊपर की पहाड़ी से वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू किया गया है. उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. उत्तराखंड के उत्तरकाशी में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी 2 से 3 दिन का वक्त ओर लग सकता है. सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अब राहत टीम वर्टिकल ड्रिलिंग कर रही है, जो तकरीबन 20 मीटर तक हो चुकी है, इसे 86 मीटर तक किया जाना है. अमेरिकी ऑगर मशीन के टूटने के बाद राहत टीम ने वर्टिकल ड्रिलिंग करने का फैसला किया था. दरअसल, 12 नंबर को सुरंगा का एक हिस्सा ढह जाने की वजह से 41 मजदूर अंदर ही फंसे हुए हैं. राहत की बात है कि अभी तक सभी मजदूर सुरक्षित हैं. छोटी पाइप लाइन के जरिए खाना और दवाइयां अंदर भेजी जा रही हैं. पिछले मंगलवार को सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों की पहली तस्वीर सामने आई थी, जिसमें सभी सही सलामत नजर आ रहे थे.

