आंदोलनरत शिक्षकों ने लंबित मांगों के लिए अपने प्रभारी प्रधानाचार्य का पद छोड़ने के बाद, विभाग ने कई विद्यालयों में मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों को प्रभारी प्रधानाचार्य का कार्य सौंपा है। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने बताया कि शिक्षकों को वेतन निकालने के लिए यह व्यवस्था की गई है और इसे लेकर वे नाराज हैं। शिक्षा महानिदेशक की बैठक में कुछ मांगों पर अमल हो सकता है।
शिक्षकों के लंबित मांगों के आंदोलन के बाद, जो प्रभारी प्रधानाचार्य के पद से अस्तित्व में हैं, उन्हें छोड़ने के बाद विभाग ने कई विद्यालयों में मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों को प्रभारी प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त कर दिया है। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने बताया कि शिक्षकों के वेतन निकालने के लिए यह व्यवस्था की गई है, लेकिन मिनिस्ट्रीयल कर्मचारी संघ का कहना है कि कर्मचारी इसे बेहतर तरीके से देख सकते हैं।
पिछले कुछ दिनों से चल रहे आंदोलन के बाद, शिक्षकों ने 17 नवंबर से प्रभारी प्रधानाचार्य का पद छोड़ दिया था। इसके पश्चात विभाग ने इस पर संबंधित विद्यालयों में प्रभारी प्रधानाचार्य के पद पर मिनिस्ट्रीयल कर्मचारीयों को नियुक्त कर दिया है। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था को अगले आदेश तक प्रभावी रखा जाएगा। इसी समय, जिले के नैनीडांडा और द्वारीखाल ब्लॉक में विद्यालयों में कई कर्मचारियों को नए कार्यवाहक संस्थाध्यक्षों के रूप में नियुक्त किया गया है।
जिन मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों को प्रभारी प्रधानाचार्य का प्रभार दिया गया है, वे इसे ठीक से संभाल सकते हैं। -रघुवीर सिंह बिष्ट, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एजुकेशन मिनिस्ट्रीयल ऑफिसर्स एसोसिएशन
विद्यालयों में शिक्षकों का वेतन निकालने के लिए यह व्यवस्था की गई है। शिक्षा महानिदेशक ने आज बैठक बुलाई हैं। बैठक में शिक्षकों की कुछ मांगों पर अमल हो सकता है। -राम सिंह चौहान, प्रांतीय अध्यक्ष, राजकीय शिक्षक संघ