स्टॉक मार्केट और म्यूच्यूअल फंड्स दोनों ही निवेश के लिए उपयुक्त वित्तीय उपाय हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं:
1. **स्टॉक मार्केट:**
– **उपाधी:** स्टॉक मार्केट में निवेशक एक विशिष्ट कंपनी के स्टॉक्स में निवेश करते हैं। इसका मतलब है कि वे उस कंपनी के मालिक होते हैं और उसके साथ साझेदारी करते हैं।
– **उत्पन्नति और हानि:** स्टॉक मार्केट में निवेश में उत्पन्नति और हानि उन्हीं कंपनियों के स्टॉक्स के मूल्य में बदलाव के कारण होती है। इसमें बहुत ज्यादा रिस्क होता है और यह बाजार की परिस्थितियों के कारण प्रभावित हो सकता है।
– **स्वायत्तता:** स्टॉक मार्केट में निवेशकों को व्यक्तिगत निर्णय लेने का पूरा अधिकार होता है कि वे कितने और किस कंपनी के स्टॉक्स में निवेश करना चाहते हैं।
– स्वयं नियंत्रण: स्टॉक मार्केट में निवेशक स्वयं निर्णय करता है कि वह किस स्टॉक में निवेश करना चाहता है और कितना निवेश करना चाहता है। इसमें स्वयं नियंत्रण की भारी जिम्मेदारी होती है।
– एक्शन प्राइस स्वयं निर्धारित: स्टॉक मार्केट में निवेशक खुद निर्धारित करता है कि किस स्टॉक को कितने मूल्य पर खरीदें और बेचें।
– रिस्क और वापसी का जिम्मेदार: स्टॉक मार्केट में निवेश करने का सीधा परिणाम होता है और निवेशकों को अपने निवेश के परिणामों के लिए पूरी तरह जिम्मेदार होना पड़ता है।
2. **म्यूच्यूअल फंड्स:**
– **निवेश पूंजी:** म्यूच्यूअल फंड्स में निवेशक अपने पैसे को एक साझेदारी योजना में जमा करते हैं और उनका पैसा एक प्रबंधित पूंजी (portfolio) में निवेश किया जाता है।
– **निवेशकीय व्यापार:** म्यूच्यूअल फंड्स में निवेशक एक प्रबंधित फंड का हिस्सा होते हैं, लेकिन उन्हें निवेश की व्यापारिक निर्णय लेने का अधिकार नहीं होता है।
– **प्रबंधन:** म्यूच्यूअल फंड्स को प्रबंधित करने वाला विषयज्ञ व्यापारी फंड के लिए निवेश निर्णय लेता है, जिससे निवेशकों को एक विशेष सेगमेंट में पूंजी निवेश करने का लाभ हो सकता है।
– निवेश प्रबंधक द्वारा प्रबंधित: म्यूच्यूअल फंड्स का प्रबंधन एक निवेश प्रबंधक द्वारा किया जाता है, जिसे निवेशकों का पैसा प्रबंधित करने के लिए विशेषज्ञ जानकारी होती है।
– निवेशकों की आवश्यकताओं के अनुसार पोर्टफोलियो बनाया जाता है: म्यूच्यूअल फंड्स के प्रबंधक निवेशकों की आवश्यकताओं और लक्ष्यों के आधार पर एक बनाया गया पोर्टफोलियो प्रबंधित करता है।
– निवेशकों को छूट: म्यूच्यूअल फंड्स में निवेशकों को छूट और विभिन्न विनिवेश विकल्पों का लाभ होता है जो उनकी आर्थिक अच्छाई के लिए बनाए गए होते हैं।
**मुख्य अंतर:**
– स्टॉक मार्केट में निवेशक स्टॉक्स में सीधे रूप से निवेश करते हैं, जबकि म्यूच्यूअल फंड्स में निवेशक एक संग्रहीत पूंजी में निवेश करते हैं।
– स्टॉक मार्केट में निवेश में निवेशकों को विशेष कंपनियों के स्टॉक्स के मालिक बनाता है, जबकि म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश में वे एक संग्रहीत पूंजी के हिस्सा बनते हैं।
– स्टॉक मार्केट में निवेश में निवेशकों को अपने निवेश पर पूरी निगरानी रखनी होती है, जबकि म्यूच्यूअल फंड्स में निवेशकों का निवेश प्रबंधित किया जाता है।