2024 के लोकसभा चुनाव अब ज्यादा दूर नहीं है। सभी पार्टियों ने युद्ध स्तर की तैयरी के लिए अपनी कमर कस ली है। किसी भी चुनाव में पार्टियों के लिए सबसे बड़ी और दुविधा की घड़ी होती है जब उन्हे नेताओं को टिकट देने होते हैं। क्यूंकी एक ही पार्टी से कई चेहरे एक ही पद की दौड़ में लगे हुए होते हैं।
ऐसे में गठबंधन वाली पार्टियों के लिए यह समस्या और भी दूभर हो जाती है। परंतु भाजपाई हमेशा से ही अपने आप को इस समस्या से ऊपर बताते हुए आयें हैं, वे हमेशा से ही इस संगठन का अंतिम निर्णय बताते हैं और उनके विशेषअधिकार का हिस्सा कहते हैं।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शशांक रावत से जब पूछा गया कि आखिर युवा कब चुनाव की दौड़ में दावेदारी की स्थिति मे आएंगे तो इस पर उन्होंने कहा कि :- टिकट करना पार्टी का विशेषाधिकार है, हम अपना मत पार्टी में रखते हैं । हमारी पार्टी एक परिवार की तरह है जैसे परिवार में अपनी इच्छाएं जाहीर की जाती है वैसे ही पार्टी में भी हम अपनी इच्छा जाहीर करते हैं पर अंतिम निर्णय संगठन ही लेगा ।
काँग्रेस गठबनधन को लेकर भी उन्होंने अपना बयान दिया उन्होंने कहा कि :- कॉंग्रेस अपना उमीदवार कब घोषित करती है यह उनका आंतरिक मामला है । हमे उनके मामलों पर ज्यादा गौर की करने की आवश्यकता नहीं है।

