उत्तराखंड में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर 3300 पेड़ों के कटान पर नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। यह फैसला देहरादून ऋषिकेश से भानीवाला तक फोरलेन रोड बनाने के दौरान लिया गया है, जिसमें लगभग 3300 पेड़ों की कटाई होनी थी।इस मामले को नैनीताल हाईकोर्ट में देहरादून की एक नागरिक ने पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से उठाया था।
नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है।रेनू पॉल नामक एक नागरिक ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि फोर लेन सड़क निर्माण के चलते भनिवाला-ऋषिकेश के बीच लगभग 3300 पेड़ों का कटान होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन स्थानों पर पेड़ों का कटान होना है, वह हाथी कॉरिडोर क्षेत्र है, जिससे हाथियों पर भी संकट खड़ा होगा।हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायाधीश आशीष नैथानी की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए पेड़ों के कटान पर रोक लगा दी है। यह फैसला पर्यावरण सुरक्षा और हाथियों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

