हिंदू धर्म में ज्येष्ठ अमावस्या का विशेष महत्व है। यह दिन पितृ तर्पण, गंगा स्नान और दान के लिए शुभ माना जाता है। अमावस्या को नकारात्मक ऊर्जा के नाश और पितरों की आत्मा की शांति के लिए आदर्श समय माना गया है। साल 2025 में ज्येष्ठ अमावस्या का आगमन मंगलवार, 27 मई को हो रहा है। इसे भौमवती अमावस्या भी कहा जाता है।
ज्येष्ठ अमावस्या का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा में स्नान, पितरों का तर्पण और दान करने से व्यक्ति को दस प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। हरिद्वार के हर की पौड़ी और ब्रह्मकुंड जैसे पवित्र स्थानों पर गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि गंगा में स्नान करते हुए मंत्रों का जाप करने और अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करने से व्यक्ति के जीवन में शांति और सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
ज्येष्ठ अमावस्या के विशेष उपाय
- गंगा स्नान: सुबह ब्रह्म मुहूर्त में गंगा में स्नान करें। गंगा जल का महत्व सभी पवित्र नदियों में सबसे अधिक माना गया है।
- दान करें: गरीबों को भोजन, वस्त्र, और धन दान करें। अपनी सामर्थ्य के अनुसार अन्न या अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करें।
- पितृ तर्पण: अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करें। इससे पितृ दोष समाप्त होता है।
- मंत्र जाप: स्नान करते समय “ॐ गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिंधु कावेरी जलास्मिन सन्निधिं कुरु।” मंत्र का जाप करें।

इन पापों से मिलती है मुक्ति
ज्येष्ठ अमावस्या पर गंगा स्नान और दान से शारीरिक, वाणी और मानसिक पापों से छुटकारा मिलता है।
कायिक (शारीरिक) पाप
- चोरी या दूसरों की वस्तु लेना।
- हिंसा करना।
- अनैतिक कार्य करना।
वाचिक (वाणी से किए गए पाप)
- चुगली करना।
- झूठ बोलना।
- दूसरों की निंदा करना।
मानसिक (मन से किए गए पाप)
- किसी का अहित सोचना।
- धन हड़पने की योजना बनाना।
- झूठे कार्यों का समर्थन करना।

हरिद्वार में गंगा स्नान का महत्व
हरिद्वार वह स्थान है जहां गंगा का समतल भूमि पर आगमन होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा सगर के पुत्रों का उद्धार करने के लिए मां गंगा का अवतरण हुआ। हर की पौड़ी जैसे पवित्र स्थान पर स्नान करने से 10 पापों का नाश होता है और व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
निष्कर्ष:
ज्येष्ठ अमावस्या का यह पावन दिन पवित्र स्नान, दान और पितृ कार्यों के लिए उपयुक्त है। अगर इस दिन श्रद्धा और नियमों का पालन करते हुए उपयुक्त कार्य किए जाएं, तो न केवल पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का भी अनुभव होता है।

